Friday 12 December 2014

Acidity ke Ayurvedic Upchaar


एसिडिटी का आयुर्वेदिक उपचार ::

एसिडिटी क्या होती है?

हम जो खाना खाते हैं, उसका सही तरह से पचना बहुत ज़रूरी होता है। पाचन कीप्रक्रिया में हमारा पेट एक ऐसे एसिड को स्रावित करता है जो पाचन के लिए बहुत ही ज़रूरी होता है। पर कई बार यह एसिड आवश्यकता से अधिक मात्रा मेंनिर्मित होता है, जिसके परिणामस्वरूप सीने में जलन और फैरिंक्स और पेट केबीच के पथ में पीड़ा और परेशानी का एहसास होता है।
एसिडिटी होने के कारण

एसिडिटी के आम कारण होते हैं, खान पान में अनियमितता, खाने को ठीक तरह से नहीं चबाना, और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना इत्यादि। मसालेदार और जंकफ़ूड आहार का सेवन करना भी एसिडिटी के अन्य कारण होते हैं। इसके अलावा हड़बड़ीमें खाना और तनावग्रस्त होकर खाना और धूम्रपान और मदिरापान भी एसिडिटी केकारण होते हैं। भारी खाने के सेवन करने से भी एसिडिटी की परेशानी बढ़ जातीहै। और सुबह सुबह अल्पाहार न करना और लंबे समय तक भूखे रहने से भी एसिडिटीआपको परेशान कर सकती है।
        एसिडिटी से बचने के लिए:     
        एक तो अपने खान पान ठीक करे जैसे सुबह को भूखा ना रहे, भरपेट खाए और सूर्योदय के एक डेढ़ घंटेमे खाए। दो पहर को भूख से थोडा कम खाए और रात को  हल्का माद्यम खाना खाए  खाना खाते समय पानी ना पिये, बल्कि खानेसे पहेले एक घंटा और खाने के बाद डेढ़ घंटे बाद पानी पीना पाचन तंत्र के लिए अच्छाहोता है
      खाली पेट कपाल भाति प्राणायाम करे करीब 15 से 20 मिनिट
कुछ घरेलु उपचार:
         १) सफ़ेद मूली का रस पीनाएसिडिटी में अच्छा होता है
        २) सोंठ, शक्कर और आवला चूर्ण बनाकर खानेसे पेट की जलन मिटती है
        ३) सौंफ ( वरियाली) चबाकर चबाकर रस पीनेसे एसिडिटी ठीक होती है 
    ४) सतवारी चूर्ण सहेद के साथ खाने से एसिडिटी ठीक होती है
    ५) फुदिने का रस पीने से एसिडिटी ठीक होती है
     

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