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गुजरात राज्य के दक्षिण पश्चिम तट पर वेरावल के पास ही स्थीत
है, भगवान शिव
के बारह ज्योतिर्लिन्गो मेसे एक सोमनाथ।
भगवान शिव के बारह ज्योति लिंगों में ये पहेला है।
सोमनाथ का अर्थ होता है चंद्रमा के रक्षक।
माना जाता है सबसे पहेले इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना चन्द्र
के पिता अत्रीरूशी ने की थी।
शिव पुराण के मुताबिक जब भगवान विष्णु और भ्रमदेव के बिच
चर्चा हो रही थी की दोनोमे कौन महान है यानि कौन बड़ा है, तभी भगवन शिव दिव्य ज्योति स्वरुप में प्रकट
हुवे।
शिवजीने दोनोको एक एक दिशा में जाके इस ज्योति स्तंभ के आखरी छोर तक पहेले पहोंचने की बात की, दोनों मैसे
कोई उस स्तंभ के अंत को न पा सका।
तबसे उस दिव्य ज्योति स्तंभ के प्रतिक के रूपमे भगवान शिव
ज्योतिर्लिन्गोमे मूर्ति रूपमे विद्यमान होते है।
शिव पुराण के मुताबिक भगवान शिव ही ब्रम्हा की सृजनात्मक, विष्णुकी
संचालक और रूद्र की विनाशक शक्ति है, और सभी जगाहो पर विद्यमान है।
सोमनाथ मंदिर का इतिहास गौरव पूर्ण भी है और निराशात्मक भी है। आदिम युग से भगवान शिव अपनी वरदान की शक्ति और सारा
वैभव दानवों और राक्षसों में लूटते रहे है उनके लिए कोई पराया नहीं। ये शिलशिला सोमनाथ में
भी कायम रहा।
यादव कुल के राजाओ ने सोमनाथ का वैभव
पूर्ण मंदिर बनाया वो बहुत सम्रुध था। जिसकी समृधि को देख अरबी लूटेरो ने
उसे लूटा, फिर उसकी जगह पर फिरसे वैभव शाली मंदिर बनते गए और इस्लामी राजा
उसे लूटते रहे। करीब ६
बार सोमनाथ मंदिर को लूटा गया।
मंदिरके खजाने को लूटके लेजाते समय जगा जगा पर अरबी और
मुस्लिम राजाओ पर हमले होते रहे और उसे काफी लड़ाइय करनी
पड़ती। इस तरह ये मंदिर कई जंगो का कारण बना।
आखरी बार भारत के लोह पुरुष The iron man सरदार वल्लभ भाई
पटेल ने इस मंदिर का जीर्णोधार किया और के एम् मुनशी ने आगेका बांधकाम करवाया तबसे
ये मंदिर भारतीय सभ्यता की शोभा बढ़ाये हुवे है।
भारत
गणराज्य के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र
प्रशादने मंदिरके अधिष्ठापन समारोहमें
कहा विनाशक शक्तियो से सर्जनात्मक शक्ति हमेशा ताकतवर होती है।
भारत में सभी बाराह ज्योतिर्लिंगों को बहोत
पवित्र माना जाता है।
ये मंदिर काफी बड़ा और सुन्दर है। देश विदेश के बहोत से लोग इस मंदिर के
दर्शन के लिए आते है। पास ही अंतहीन समुद्र है और समुद्र तट पर ये मंदिर वाके में मन मोहक है।
अगर आपने अबतक इस मंदिर के दर्शन नहीं किये
तो, जरूर यहाँ इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन हेतु एक बार आना चाहिए।
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